X
Login
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
Login With Facebook
iChowk
Aaj Tak
বাংলা
Aaj Tak Campus
GNTTV
Lallantop
India Today
Business Today
Cosmopolitan
Harper's Bazaar
Reader's Digest
Northeast
Malayalam
Sports Tak
Crime Tak
Astro Tak
Gaming
Brides Today
Ishq FM
सियासत
समाज
संस्कृति
स्पोर्ट्स
सिनेमा
सोशल मीडिया
इकोनॉमी
ह्यूमर
टेक्नोलॉजी
वीडियो
लॉगिन करें
मोबाइल नंबर
(+91)
Submit
or
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
*
OTP डालें
OTP फिर भेजें
OTP फिर भेजें
Submit
New
अपनी स्टोरी, कविता या कहानी साझा करें...
चर्चा में
महाराष्ट्र
औरंगजेब
ज्ञानवापी मस्जिद
कांग्रेस
राहुल गांधी
योगी आदित्यनाथ
यूपी विधानसभा चुनाव 2022
रूस यूक्रेन विवाद
नरेंद्र मोदी
पंजाब चुनाव
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022
अखिलेश यादव
ओमिक्रॉन वेरिएंट
ममता बनर्जी
कोरोना वायरस
अफगानिस्तान
ऑक्सीजन
पश्चिम बंगाल चुनाव 2021
कोरोना वैक्सीन
किसान आंदोलन
भारत-चीन
अमित शाह
प्रियंका गांधी
टीम इंडिया
विराट कोहली
अरविंद केजरीवाल
अरुण जेटली
समाज
|
एक अलग नज़रिया
| 6-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
अजय देवगन की फिल्म दृश्यम 2 खत्म हो गई, मगर सिनेमा हॉल में लोग ताली-सीटी बजाते रहे
अजय देवगन जब अपनी जुल्फों को हल्का सा झटका मारकर धीरे-धीरे आत्मविश्वास के साथ चलते हैं, उस पर तो लोगों का दिल ही आ गया होगा. उनकी नशीली आंखें बिना कुछ कहे ही फिल्म के सीन में ना जाने कितनी बातें करती हैं. वे शांत रहते हैं और मन ही मन आगे की प्लानिंग करते रहते हैं. जब वे क्लाईमेक्स की परतें खोलते हैं तो सिनेमा हॉल में बैठे लोग ताली और सीटी बजा रहे होते हैं.
सिनेमा
| 5-मिनट में पढ़ें
मुकेश कुमार गजेंद्र
@mukesh.k.gajendra
Spider Man movie reaction: 'स्पाइडरमैन' के कमाल को महसूस ही किया जा सकता है
MCU की नई फ्रेंचाइजी फिल्म 'स्पाइडरमैन: नो वे होम' (Spider Man No Way Home Review in Hindi) सिनेमाघरों में रिलीज हुई है. डायरेक्टर जॉन वाट्स के निर्देशन में बनी इस फिल्म में टॉम हॉलैंड, जेंडाया, बेनेडिक्ट कम्बरबैच, जैकब बटालोन और अल्फ्रेड मोलिना अहम रोल में हैं.
सिनेमा
|
एक अलग नज़रिया
| 6-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
Sooryavanshi ने सिनेमा हॉल की सूनी गलियों को 5 वजहों ने हाऊसफुल बना दिया
सस्पेंस था कि क्या लोग फिल्म सूर्यवंशी को देखने सिनेमा हॉल में जाएंगे, क्या कोरोना काल के बाद मल्टीप्लेक्स की वो सूनी गलियां फिर से गुलजार होंगी? तो इसका जवाब है हां... अब हम ऐसा क्यों कह रहे हैं यह थोड़ी देर में आपको भी समझ में आ जाएगा.
सिनेमा
|
एक अलग नज़रिया
| 5-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
राधे को थियेटर में उतारने के बाद हुई सलमान की असली 'बेइज्जती'!
हमारी समझ में तो यह नहीं आ रहा कि है जो फिल्म पहले ही इतनी पिट चुकी है, उसे दोबोरा सिनेमाघरों में रिलीज करने की क्या जरूरत थी. क्या बेइज्जती खराब होने में कोई कसर बाकी रह गई थी.
सिनेमा
| 7-मिनट में पढ़ें
मुकेश कुमार गजेंद्र
@mukesh.k.gajendra
कोरोना कहर के बीच सिनेमाघरों में ही फिल्में रिलीज करने पर क्यों अड़े बड़े फिल्म मेकर्स?
एक तरफ 'द बिग बुल', 'गुलाबो-सिताबो', 'लक्ष्मी' और 'दिल बेचारा' जैसी फिल्में OTT प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई हैं, दूसरी तरफ 'सूर्यवंशी', 'राधे' और 'थलाइवी' फिल्मों के मेकर्स इन्हें सिनेमाघरों में ही रिलीज करने पर अड़े हैं. आखिर बॉक्स ऑफिस और OTT पर होने वाली कमाई के बीच अंतर क्या है?
सोशल मीडिया
| 6-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
अवार्ड फंक्शन में फ्रेंच एक्ट्रेस Corinne Masiero का कपड़े उतरना शौक नहीं, मजबूरी है!
फ्रांस के ऑस्कर माने जाने वाले सीजर अवार्ड्स में एक्ट्रेस Corinne Masiero ने जिस तरह कपड़े उतार के सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया है, आलोचक कुछ भी कहें। उन्होंने जो कुछ भी किया है, वो शौक या मीडिया लाइम लाइट के लिए नहीं बल्कि मज़बूरी के चलते किया है.
सिनेमा
| 4-मिनट में पढ़ें
आलोक रंजन
@alok.ranjan.92754
क्या सिनेमा हॉल में दिखाई जाने वाली हॉलीवुड फिल्मों में इंटरवल होना चाहिए?
बड़ी फिल्मों में बोरियत कम हो इस कारण से इंटरवल हैं तो माना भी जा सकता है पर छोटी फिल्मों में कतई नहीं. और अधिकतर हॉलीवुड फिल्में दो घंटे से कम समय की होती हैं लिहाजा इन फिल्मों में इंटरवल होना तो ज्यादती है.
सिनेमा
| 6-मिनट में पढ़ें
गौतम बेनेगल
@gautam.benegal
मल्टीप्लेक्स में फिल्म देखने का मजा बिगाड़ रहे हैं पॉपकॉर्न और कोल्ड-ड्रिंक्स
4 अप्रैल को बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद दर्शकों के खाने-पीने का सामान बाहर ही रखवा लिया जाता है और फिर दर्शकों को महंगे दामों पर खाने पीने की चीजें खरीदनी पड़ती है.
समाज
| 7-मिनट में पढ़ें
रीता गुप्ता
@rita.gupta.7
झंडे पर क्यों भारी पड़ रहा है प्रपोगेंडा !
जब भगवान का नाम किसी कसाई घर, शराब घर, जेल आदि में भी लिया सकता है, राष्ट्रगान पिक्चर हॉल में ही सही, 52 सेकेण्ड ही सही दिन भर में कभी तो दिल में देश हित के अरमान मचले.